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दुआ आधुनिक अर्थहीन जीवन को अर्थ देती है

16:41 - June 24, 2022
समाचार आईडी: 3477493
तेहरान(IQNA)दुआ, एक हक्कानी और वास्तविक दृष्टिकोण के रूप में जिसमें हक़ की संतुष्टि होती है, आज के सांसारिक जीवन को सामग्री देती है, और यह दृष्टिकोण, अन्य आध्यात्मिक स्कूलों के विपरीत उभर रहा है, कि प्रार्थना केवल आज के मानव जीवन को शांत करती है।

कुरानिक न्यूज एजेंसी ऑफ ईरान (IQNA) के साथ एक साक्षात्कार में, सईद खलीलोविच, धर्मों के उच्च शिक्षा परिसर के संकाय के सदस्य, ने आध्यात्मिकता और समकालीन व्यक्ति के बीच संबंधों के बारे में बात की, जिसका पाठ इस प्रकार है:
समकालीन मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या शांति की कमी है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि समकालीन मनुष्य शांति और सुरक्षित तट चाहता है, लेकिन यहाँ समस्या यह है कि शांति कहाँ मिले; दूसरे शब्दों में, यह सुरक्षित तट कहाँ है?
भौतिकवादी स्कूलों की समस्याओं पर काबू पाने के बाद समकालीन मनुष्यों ने महसूस किया कि भौतिकवादी स्कूल उन्हें वास्तविक शांति नहीं दे सकते और उनकी सापेक्ष शांति अस्थायी थी।
मानवजाति आज आध्यात्मिकता की ओर लौटने की राह पर है, इसलिए निमंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है; क्योंकि स्वयं की वापसी समकालीन दुनिया में आकार लेरही है। यहां जो सवाल है यह कि अगर यह आदमी आध्यात्मिक परंपरा की ओर बढ़ गया है, तो कौन सी परंपरा यह शांति ला सकती है?
निश्चित रूप से सुदूर पूर्व की आध्यात्मिक परंपराएं या उभरती हुई आध्यात्मिकताएं या नई आध्यात्मिक परंपराएं उस शांति को नई मानवता के लिऐ नहीं ला सकतीं।
इस्लाम के वास्तविक प्रचारकों को आज जो काम करना चाहिए यह है कि समकालीन व्यक्ति बाद इसके कि उसने अपने जीवन में अंतरालों को महसूस कर लिया और समाधान खोजने के रास्ते चला, इस सूरत में उन्हें शुद्ध इस्लामी परंपरा से परिचित कराना चाहिए, एसी परंपरा जो मानव जाति के हर स्तर के लिऐ मार्गदर्शक है।
हमें शुद्ध आध्यात्मिक परंपरा का सटीक परिचय देना चाहिए; एक परंपरा जिसकी समृद्ध विरासत सहिफ़ऐ सज्जादिया और पवित्र कुरान में परिलक्षित होती है, और इस परंपरा और इस उदात्त विरासत का परिचय एक ऐसा काम है जो बड़े पैमाने पर नहीं किया गया है, कि इसके सही परिचय से मनुष्य निश्चय ही आज अपनी खोई हुई शांति पुनः प्राप्त कर लेगा।
यदि समकालीन मनुष्य को दुआऐ कुमैल एक सटीक अनुवाद और उचित व्याख्या के साथ प्रदान की जाऐ, तो आज मनुष्य निश्चित रूप से इस दिशा में जाएगा और इन दुआओं का सर्वोत्तम तरीके से उपयोग करेगा और इससे परे शांति तक पहुंच जाएगा; ऐसी शांति जो उन्हें किसी भी धर्मनिरपेक्ष स्कूल में नहीं मिली थी।
कीवर्ड: प्रार्थना, मानव, आध्यात्मिकता, आधुनिक, शून्यता
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