IQNA-नजफ़ अशरफ़ में कल दफनाए गए नजफ़ के हौज़ाऐ इल्मिया (धार्मिक शिक्षा केंद्र) के शिक्षक अल्लामा सैय्यद मोहम्मद अली बहरुल उलूम ने सन 2022 में इकना के साथ एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया था: "आज हमें जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है इस्लामी मतों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व कायम करना। हर मत की अपनी विशेष न्यायशास्त्रीय (फ़िक़्ही) बुनियाद, धार्मिक सिद्धांत (कलाम) और धार्मिक नियम (अहकाम) हैं। जैसा कि कुछ लोग सोचते हैं, (मतों का) एकीकरण (तक़रीब) संभव नहीं है, बल्कि विभिन्न मतों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व स्थापित किया जाना चाहिए।"
15:50 , 2025 Aug 26